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स्त्री सशक्तिकरण

स्त्री जो है ,वो माँ होते हैं , बहन होते है , पत्नी होती है , अर्थाथ विश्व की सबसे बड़ी शक्ति है । जो एक जिन्दगी और परिवार को संहालने में सबसे ज्यादा जिम्मेदारी निभाते हैं । उस स्त्री की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है |आज की इस  दुनिया में स्त्री सुरक्षित नहीं है । बस में सवारी करते वक्त , घर में अपने बाप- भाई के साथ या पति के साथ , काम करने जगह , या सार्वजनिक जगह पर वो सुरक्षित नहीं हैं ।                                 स्त्री सशक्तिकरण का मतलब है  महिलओं को सश्कत बनाना और समाज में अपना स्थान दिलाना। सब लोग कह रहे है कि  स्त्री और पुरुष को समरूपता है। पर सच में आज भी स्त्री को समानता मिली नहीं है। किसी के हाथ से आज़ादी नहीं हासिल करना है। वो हर एक इंसान के अंतर है। पैदा हुए वक्त से लोग अकेले दुनिया में आ रहे है,आज़ाद है । अपने माँ की पेट से बच्चा आ रही है ।      महिला सशक्तिकरण का मक्सद है कि महिलाओं को आत्म विश्वास देना , आत्म सम्मान देना , आत्म निर्भरता देना । अपने ज़िन्दगी...