स्त्री सशक्तिकरण

स्त्री जो है ,वो माँ होते हैं , बहन होते है , पत्नी होती है , अर्थाथ विश्व की सबसे बड़ी शक्ति है । जो एक जिन्दगी और परिवार को संहालने में सबसे ज्यादा जिम्मेदारी निभाते हैं । उस स्त्री की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है |आज की इस  दुनिया में स्त्री सुरक्षित नहीं है । बस में सवारी करते वक्त , घर में अपने बाप- भाई के साथ या पति के साथ , काम करने जगह , या सार्वजनिक जगह पर वो सुरक्षित नहीं हैं ।
              
                 स्त्री सशक्तिकरण का मतलब है  महिलओं को सश्कत बनाना और समाज में अपना स्थान दिलाना। सब लोग कह रहे है कि  स्त्री और पुरुष को समरूपता है। पर सच में आज भी स्त्री को समानता मिली नहीं है। किसी के हाथ से आज़ादी नहीं हासिल करना है। वो हर एक इंसान के अंतर है। पैदा हुए वक्त से लोग अकेले दुनिया में आ रहे है,आज़ाद है । अपने माँ की पेट से बच्चा आ रही है ।

     महिला सशक्तिकरण का मक्सद है कि महिलाओं को आत्म विश्वास देना , आत्म सम्मान देना , आत्म निर्भरता देना । अपने ज़िन्दगी को नियंत्रित करने में सिर्फ अधिकार स्त्री को हो ।भारत सरकार ने महिला सशक्तिकरण के लिए कई योजनाएं चलायी हैं, जैसे कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना, महिला छात्रावास योजना, महिला हेल्पलाइन योजना, वन स्टॉप सेन्टर योजना, और स्वाधार गृह योजना. 

      महिलाओं के योगदान को मान्यता और सम्मान देना।महिलाओं के निर्णय लेने की क्षमता बढ़ाना महिलाओं को सामाजिक बदलाव लाने में सक्षम बनाना 
आदि स्त्री सशक्तिकरण का उद्देश्य है ।महिलाओं की सुरक्षा के लिए कानून, संस्थाएं, और नीतिगत उपायों के ज़रिए काम किया जाता है । स्त्री को सशक्त बनाने में हर एक आदमी को एकता से काम करना चाहिए ।